
के कस्तुरीरंगन
पूर्व इसरो प्रमुख और के कस्तूरीरंगन का शुक्रवार को बेंगलुरु में निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे और उनके दो बेटे हैं। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वे पिछले कुछ महीनों से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे।
अधिकारियों ने बताया, “वे आज सुबह बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर स्वर्ग सिधार गए। 27 अप्रैल को अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) में रखा जाएगा।”
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर मसौदा समिति के अध्यक्ष, कस्तूरीरंगन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था।
उन्होंने राज्यसभा के सदस्य (2003-09) और तत्कालीन भारतीय योजना आयोग के सदस्य के रूप में भी काम किया था। कस्तूरीरंगन अप्रैल 2004 से 2009 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, बेंगलुरु के निदेशक भी रहे।
पूर्व इसरो प्रमुख का जन्म 24 अक्टूबर, 1940 को केरल के एर्नाकुलम में सी एम कृष्णास्वामी अय्यर और विशालाक्षी के घर हुआ था। तमिलनाडु से आने वाले उनके परिवार ने त्रिशूर जिले के चालाकुडी में बस गए थे। उनकी मां पलक्कड़ अय्यर परिवार से थीं।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने अगस्त 2003 में अपने पद से हटने से पहले नौ साल तक इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उनके अनुकरणीय कार्य के लिए उन्हें वर्ष 2000 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।