
जातीय जनगणना
Vidya Shankar Rai
Narendra Modi Government on Caste Census:केंद्र की मोदी सरकार ने आगामी जनगणना प्रक्रिया में जाति गणना को “पारदर्शी” तरीके से शामिल करने का फैसला किया है। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है, लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर जाति गणना की है।
इस फैसले की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आगामी जनगणना में जाति गणना को ‘पारदर्शी’ तरीके से शामिल किया जाएगा और जाति सर्वेक्षण को ‘राजनीतिक उपकरण’ के रूप में इस्तेमाल करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की। वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है, लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर ‘गैर-पारदर्शी’ तरीके से जाति गणना की है, जिससे समाज में संदेह पैदा हुआ है।
विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों पर राजनीतिक कारणों से जाति सर्वेक्षण करने का आरोप लगाते हुए मंत्री ने कहा कि आगामी अखिल भारतीय जनगणना प्रक्रिया में जाति गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल करना मोदी सरकार का संकल्प है। जनगणना प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई।
इधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है और उसने आगामी जनगणना में जाति गणना करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने के कुछ घंटों बाद गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दिखाई है।
उन्होंने हिंदी में एक्स पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में आज आयोजित सीसीपीए की बैठक में आगामी जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने का निर्णय लेकर सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का संदेश दिया गया है।’ शाह ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने सत्ता में रहते हुए दशकों तक जाति जनगणना का विरोध किया और विपक्ष में रहते हुए इस पर राजनीति की।
उन्होंने कहा, ‘यह निर्णय सभी आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को सशक्त करेगा, समावेश को बढ़ावा देगा और वंचितों की प्रगति के लिए नए रास्ते प्रशस्त करेगा।’
इंडियन पॉलिटिक्स ब्यूरो।