
वैभव सूर्यवंशी
IPL 2025: जिंदगी में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो ईश्वर भी मौका जरूर देता है। इसकी झलक तब दिखी जब पिछले कई सीजन से अपनी बारी का इंतजार कर रहे बिहार के होनहार किक्रेटर वैभव सूर्यवंशी को किस्मत ने अचानक ही मौका दे दिया। टीम के कैप्टन संजू सैमसन चोटिल हुए तो टीम मैनेजमेंट ने वैभव को मैदान में उतारने का फैसला किया। इस मौके को वैभव ने दोनों हाथों से भुनाया और शतक ठोंक दिया। अब वैभव को क्रिकेट जगत में Baby Boss की संज्ञा भी मिल गई है।
राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए वैभव ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंद पर शतक लगा दिया। सबसे खास बात है कि वैभव सिर्फ 14 साल के हैं। गुजरात के लिए मैच में 7 गेंदबाजों ने बॉलिंग की। इसमें सभी इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके हैं। 6 के पास तो टेस्ट खेलने का अनुभव है। इसके बाद भी वैभव ने किसी को नहीं छोड़ा।
वैभव सूर्यवंशी मुंबई या दिल्ली जैसे किसी महानगर से नहीं है। वह किसी शहर से भी नहीं है। मार्च 2011 में जन्मे वैभव बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर ब्लॉक के रहने वाले हैं। उनके क्रिकेट का सफर इसी जगह से शुरू हुआ था। जब वैभव चार साल के थे तो उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने देखा कि प्लास्टिक की बॉल को काफी ताकत से हिट कर रहे थे। संजीव खुद किसानी करते थे और खेल से आने के बाद वैभव को अंडर आर्म बॉल डालकर प्रैक्टिस करवाते थे।
फिर संजीव ने अपने घर के पीछे एक छोटी सी प्रैक्टिस की जगह बना दी, जिससे वैभव को अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिला। अपने बेटे के जुनून और लगन से प्रभावित होकर उन्होंने वैभव को समस्तीपुर की एक एकेडमी में ले गए। वहां ब्रजेश झा नामक कोच से वैभव को ट्रेनिंग मिली। उनके अधीन ट्रेनिंग करने के बाद वैभव पटना पहुंच गए। जहां मनीष ओझा से वैभव के क्रिकेटिंग स्किल को और भी निखारने में मदद की।
ताजपुर से पटना की दूसरी करीब 75 किलोमीटर है। इसलिए ट्रैवल करना आसान नहीं था। ऐसे में संजीव ने बेटे को ट्रेनिंग के लिए ले जाने के लिए कार खरीदी। वह हर दूसरे दिन वैभव को ट्रेनिंग करवाने के लिए पटना लेकर जाते थे। वैभव को क्रिकेटर बनाने के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेच दी।
बिहार के इंटर डिस्ट्रिक्ट टूर्नामेंट हेमन ट्रॉफी में रनों की बरसात करने के बाद वैभव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2023 के वीनू मांकड़ ट्रॉफी में 5 मैच में वैभव ने 109 की स्ट्राइक रेट और 78 की औसत से 393 रन बनाए। इसमें एक शतक और 3 फिफ्टी थी। यह भारत का घरेलू अंडर-19 टूर्नामेंट है और उसमें खेलने के समय वैभव ने 13 साल के भी नहीं हुए थे।
12 साल 9 महीने और 10 दिन की उम्र में वैभव ने बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया। मुंबई के खिलाफ जनवरी 2024 में उन्होंने अपना पहला रणजी मैच खेला था। वह रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बन गए। नवंबर 2024 में वह 13 साल और 241 दिन की उम्र में टी20 खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। अगले महीने वह लिस्ट ए खेलने वाले भारत के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए।
इससे पहले सितंबर 2024 में भारत और ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीम के बीच यूथ टेस्ट हुआ था। वैभव ने अपने डेब्यू मुकाबले में ही सिर्फ 58 गेंद पर शतक ठोक दिया था। यह अंडर-19 क्रिकेट में किसी भी भारतीय खिलाड़ी का रिकॉर्ड है। वहीं ओवरऑल अंडर-19 में दूसरा सबसे तेज शतक था। फिर अंडर-19 एशिया कप में भी उनका बल्ला बोला। यूएई के खिलाफ 46 गेंद पर 76 रन बनाने के बाद सेमीफाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 36 गेंद पर 67 रन ठोके। इस समय तक वैभव हर तरफ छा गए थे। इसका असर हुआ कि जेद्दाह में हुए आईपीएल 2025 की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1 करोड़ 10 लाख रुपये में खरीदा।
राजस्थान रॉयल्स के लिए वैभव शुरुआती मैचों में बेंच पर रहे। लेकिन दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मुकाबले में कप्तान संजू सैमसन चोटिल हो गए। ऐसे में लखनऊ के खिलाफ वैभव को डेब्यू करने का मौका मिला। अपने आईपीएल करियर की पहली गेंद पर उन्होंने शार्दुल ठाकुर को छक्का मारा। फिर आवेश खान को भी नहीं छोड़ा। अब गुजरात के खिलाफ मोहम्मद सिराज, वॉशिंगटन सुंदर, ईशांत शर्मा, राशिद खान और करीम जनत जैसे गेंदबाजों को कूटकर उन्होंने 38 गेंद पर 101 रनों की पारी खेली।
इंडियन पॉलिटिक्स डेस्क।